बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में किसे बढ़त और क्यों?
एक निष्पक्ष, तार्किक और प्रमाणिक विश्लेषण
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 121 सीटों पर पूरा हो चुका है। कुल मतदान प्रतिशत लगभग 64.6% रहा — जो पिछले चुनाव की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या यह उच्च मतदान NDA को लाभ देगा या महागठबंधन को?
1️⃣ मतदान का पैटर्न: जनता का मूड किस ओर झुका?
पहले चरण में मतदान दर में हुई तेज़ वृद्धि संकेत देती है कि मतदाताओं ने इस बार “मौन” नहीं, बल्कि “मूड” दिखाया है।
विशेषकर ग्रामीण बिहार और महिला मतदाताओं में भागीदारी रिकॉर्ड स्तर पर रही, जो नीतीश सरकार की योजनाओं — जैसे मुख्यमंत्री साइकिल योजना, हर घर नल योजना और महिला स्वावलंबन मिशन — की जमीनी स्वीकार्यता को दर्शाती है।
डेटा स्रोत: Election Commission of India (ECI) के अनुसार, चरण 1 में 64.66% वोटिंग दर्ज हुई — यह औसत से ऊपर है। (Times of India, 4 Nov 2025)
2️⃣ क्षेत्रीय समीकरण: कहाँ NDA मज़बूत और कहाँ महागठबंधन
सीमांचल-: किशनगंज, अररिया, कटिहार, सामाजिक समीकरण : मुस्लिम–यादव (MY) समीकरण, बढ़त: महागठबंधन (RJD–Congress)
मिथिलांचल : मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर सामाजिक समीकरण : ब्राह्मण, कायस्थ, वैश्य–EBC मिश्रण बढ़त: NDA
सारण–सीवान बेल्ट : छपरा, गोपालगंज परंपरागत NDA गढ़, महिला मतदाता सक्रिय NDA
मगध–भागलपुर बेल्ट: जहानाबाद, गया, नालंदा SC–EBC समीकरण विभाजित बेहद, करीबी मुकाबला
निष्कर्ष:
MGB की पकड़ सीमांचल में बनी हुई है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में NDA की organizational penetration और JDU–BJP वोट-ट्रांसफर ने प्रभावशाली बढ़त बनाई है।
3️⃣ जातीय व सामाजिक गणित: निर्णायक तत्व
1. महिलाओं का रिकॉर्ड मतदान:
महिला वोट NDA के लिए पारंपरिक रूप से मजबूत रहा है। नीतीश कुमार के “सशक्त नारी–सशक्त बिहार” अभियान ने इसका समर्थन और बढ़ाया।
2. EBC और अतिपिछड़ा वर्ग:
NDA का वोट-बैंक स्थिर है। MGB इस वर्ग में प्रभावी प्रवेश नहीं कर पाया।
3. मुस्लिम–यादव गठजोड़:
सीमांचल में MGB का आधार अभी भी जीवित है, परन्तु vote-consolidation का स्तर 2015 जैसा नहीं दिख रहा।
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4️⃣ संगठनात्मक स्थिति और प्रचार रणनीति
NDA:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से 20+ रैलियाँ कीं, जिनमें लाभार्थी योजनाओं, विकास-मॉडल और कानून-व्यवस्था पर फोकस था।
महागठबंधन:
तेजस्वी यादव का “रोजगार यात्रा” युवाओं के बीच लोकप्रिय रहा, परन्तु कांग्रेस और वाम दलों की ग्राउंड-मोबिलाइज़ेशन क्षमता कमजोर दिखी।
LJP (RV):
कुछ सीटों पर त्रिकोणीय प्रभाव, खासकर जहानाबाद, नवादा, औरंगाबाद में MGB को नुकसान पहुँचाता दिख रहा है।
5️⃣ मीडिया और स्वतंत्र रिपोर्ट्स के अनुसार
Economic Times (Nov 2025):
“पहले चरण में NDA को प्रारंभिक बढ़त के संकेत मिले हैं; मतदान के पैटर्न में ग्रामीण विकास योजनाओं का असर स्पष्ट है।”
(Economic Times)
Navbharat Times (Nov 2025):
“2015 में 61 सीटें MGB और 59 NDA के पास थीं; अब समीकरण उलट सकते हैं, NDA 60–68 तक पहुँच सकता है।”
(Navbharat Times)
6️⃣ संभावित सीट रेंज (विश्लेषणात्मक अनुमान)
गठबंधन संभावित सीटें (Phase 1) 2020 की सीटें परिवर्तन
NDA (BJP+JDU) 60–68 59 ▲ लाभ 5–9
महागठबंधन (RJD+INC+Left) 50–56 61 ▼ घाटा 5–10
अन्य / निर्दलीय 3–5 1 स्थिर
नोट: यह अनुमान सार्वजनिक डेटा, मतदान प्रतिशत और पिछले चुनाव के ट्रेंड पर आधारित है; यह कोई एग्ज़िट पोल नहीं है।
7️⃣ पहले चरण में NDA आगे, लेकिन बाज़ी खुली
पहले चरण में NDA को ग्राउंड कनेक्ट, महिला वोट, और संगठनात्मक मजबूती का लाभ मिला है।
महागठबंधन की स्थिति कमजोर दिख रही है, परन्तु उसका कोर-वोट सीमांचल और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में बना हुआ है।
यदि अगले चरणों में MGB अपने कोर इलाकों में मजबूत प्रत्याशी उतारता है, तो स्थिति संतुलित भी हो सकती है।
NDA को पहले चरण में संगठन + लाभार्थी योजनाओं + उच्च महिला भागीदारी के कारण बढ़त।
MGB का सीमांचल-केन्द्रित वोट-बैंक बचा है, पर व्यापक राज्य-स्तर पर गति धीमी।
मतदान का रिकॉर्ड प्रतिशत संकेत देता है कि जनता बदलाव चाहती है, पर कौन-सा बदलाव — यह अगले चरण तय करेंगे।
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