ब्रेकिंग न्यूज़: पुर्तगाल में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर प्रतिबंध
पुर्तगाल में सार्वजनिक बुर्का पर रोक — क्या यूरोप एक नया सुरक्षा मॉडल अपना रहा है?
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार —
• पुर्तगाल की संसद ने 17 अक्टूबर 2025 को सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का तथा चेहरे ढकने वाले पहनावे पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक पारित कर दिया है।
• नियम तोड़ने पर €200 से €4,000 (लगभग ₹2–4 लाख) तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
• यदि किसी महिला को दबाव/धमकी देकर बुर्का पहनने को मजबूर किया गया, तो दोषी को तीन साल तक की जेल हो सकती है।
• यूरोप में यह कदम फ्रांस, बेल्जियम और नीदरलैंड के बाद चौथे स्तर का कड़ा प्रतिबंध माना जा रहा है।
भारत के दृष्टिकोण से यह क्यों महत्वपूर्ण है?
यह फैसला धार्मिक स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा की यूरोपीय बहस को और तेज़ करता है। भारत में अभी बुर्का पर कोई राष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं है, लेकिन सुरक्षा जांच, स्कूलों और अदालतों में चेहरा पहचान अनिवार्य बनाने की बहस बार-बार उठती रही है।
• पुर्तगाल का रुख इस बात का संकेत है कि “सार्वजनिक सुरक्षा” को अब कई यूरोपीय लोकतंत्र व्यक्तिगत/religious freedom से ऊपर रखने लगे हैं।
• भारत में यदि भविष्य में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ या ‘security-driven dress code’ की दिशा में कदम उठता है, तो ऐसे अंतरराष्ट्रीय उदाहरण इसका अप्रत्यक्ष संदर्भ बन सकते हैं।
• विपक्षी दल इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर अंकुश कह सकते हैं, जबकि समर्थक इसे आतंकी छिपाव, मानवाधिकार-विरोधी शरिया दबाव और महिला अधिकारों की रक्षा के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
स्रोत: Reuters / BBC / AP
(यह रिपोर्ट एक आधिकारिक Parliamentary Decision पर आधारित है। आगे क्रियान्वयन तिथि व कानूनी चुनौती की स्थिति स्पष्ट होना शेष है।)






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