गोल्ड टेस्टिंग मशीन : कितना सच और कितना झूठ

भारत में सोना भावनात्मक भी है और वित्तीय संपत्ति भी। इसलिए जब कोई ज्वेलर कहता है — “मशीन टेस्ट कर दिया, 100% असली है” — ग्राहक सहजता से भरोसा कर लेता है। पर वास्तविकता यह है कि मशीनें अलग-अलग क्षमताओं और सीमाओं के साथ आती हैं, और वही सीमाएँ ज्वेलरों द्वारा "आधाप्रमाण" के रूप में पेश कर दी जाती हैं। इस लेख में हम मशीनों का तकनीकी सच, उन्हें चलाने वालों की कमजोरियाँ, वास्तविक-जीवन उदाहरण, उपभोक्ता-स्तर पर तुरंत उठाए जाने योग्य कदम और कानूनी विकल्प — सब विस्तार से बताएँगे।

 मशीनें कौन-कौन सी हैं और वे क्या बताती हैं

1) XRF (X-Ray Fluorescence) मशीन

क्या करती है: X-Ray की मदद से सतह के कुछ माइक्रोमीटर तक की धातु संरचना पढ़ती है और एलिमेंटल कंपोज़ीशन देती है (Au, Ag, Cu आदि)।

फायदा: Non-destructive; तेज़ रिपोर्ट; ब्रांडेड शोरूम में आम।

सीमाएँ: केवल ऊपर की परत पढ़ती है — अगर बड़े-पैमाने पर plating कर दिया गया हो तो अंदर की मिलावट छिप सकती है। नकली या सस्ते XRF की रीडिंग भी गुमराह कर सकती है।

2) Acid Test (तेज़ाब आधारित)

क्या करती है: सतह पर खरोंच डालकर तेज़ाब की बूंद से धातु का रिऐक्शन देखकर कैरट का अनुमान।

फायदा: सस्ता, पुरानी तकनीक पर भरोसेमंद; plating को पकड़ सकती है।

सीमाएँ: थोड़ी-बहुत सतह क्षति; ऑपरेटर की skill पर निर्भर।

 3) Fire Assay (Melting / Fire Assay)

क्या करती है: सोना पिघलाकर actual शुद्धता निकाली जाती है — वैज्ञानिक और कानूनी रूप से सर्वोत्तम।

फायदा: 100% सटीक — कोर्ट में स्वीकार्य रिपोर्ट।

सीमाएँ: destructive (सोना पिघलता है), महंगा और समय-लेव; आम ग्राहक के लिए हर बार संभव नहीं।

असली धोखा कहाँ होता है: मशीन नहीं, उसकी सीमा और ऑपरेटर

मशीन की reading तब तक केवल एक संख्या है — असली निर्णय operator की समझ, ईमानदारी और process transparency से बनता है। अगर ऑपरेटर जानबूझकर:

sample को बाहर ले जाए,

रिपोर्ट स्क्रिन-शॉट पर दिखा दे पर प्रिंट न दे,

या मशीन के आसपास manipulation करे — तो कोई भी मशीन सही रिपोर्ट नहीं दे सकती।

 परत-आधारित धोखा (Coating Fraud)

कई बार ज्वेलरी के ऊपर अच्छी quality की gold plating कर दी जाती है। यह प्लेटिंग कुछ माइक्रोमीटर तक होती है; XRF/optical test उस परत को पढ़कर जाँच “पास” कर देते हैं। ग्राहक को सबसे बड़ा झटका तब लगता है जब वह वही गहना कुछ दिनों में रंग बदलते या कटते हुए पाता है।

 रिपोर्ट का गलत प्रस्तुतीकरण

कई दुकानदार WhatsApp screenshot देकर भरोसा तोड़ते हैं। असली रिपोर्ट में lab का नाम, टेस्ट की तारीख, मशीन का ID और operator signature होना चाहिए। बिना दस्तावेज के कोई भी डिजिटल screenshot कानूनी वैध प्रमाण नहीं मान पाएगा।

उपभोक्ता के लिए वैज्ञानिक और व्यवहारिक नियम 

नीचे दिए नियमों को अपनाने से आप मशीन-झकझोर के बावजूद सुरक्षित रहेंगे:

 Rule 1: टेस्ट हमेशा आपके सामने करें

मशीन को counter पर ही रखें; operator sample को बाहर न ले जाए।

अगर XRF test होता है तो sample glass chamber में दिखाई दे — और आप वही देखें।

Rule 2: Printed Report मांगिए — सिर्फ स्क्रीन देखना मान्य नहीं

रिपोर्ट में Lab का नाम, Machine ID, Date, Report-ID और Operator Signature होना चाहिए।

WhatsApp screenshot/phone screen पर दिखाया गया result कभी legal proof नहीं होता।

Rule 3: कम से कम दो अलग तरीकों से टेस्ट कराइए

उदाहरण: XRF + Acid scratch OR XRF + density/water test।

अगर दोनों अलग रिज़ल्ट दें — तीसरे (Fire Assay) की मांग करिए या दुकान छोड़ दीजिए।

Rule 4: तौलने से पहले scale को आपके सामने zero कराइए

scale पर reset/zero दिखवा कर ही sample तौलवाइए; weight बिल पर लिखवा कर copy रखें।

Rule 5: HALLMARK की पूरी जाँच करें

BIS logo, purity number (916/750/585), HUID (unique id) और jeweller registration number — चारों अवश्य हों।

HUID को BIS-verify portal पर check करना संभव है — (यह प्रक्रिया ग्राहक के द्वारा भी की जानी चाहिए)।

 Rule 6: अगर निवेश के लिए खरीद रहे हैं — Fire Assay का विकल्प चुनें

बड़ी राशियाँ (₹2-3 लाख +) के लिए destructive test और government lab की प्रमाणित रिपोर्ट लें। निवेश का मतलब kapital सुरक्षित रखना है — इसलिए compromise न करें।

Rule 7: खरीदते/बदलते समय “Buyback/Exchange” की शर्तें लिखवाइए

Buyback का % और conditions बिल पर लिखवाना अनिवार्य करिए; verbal assurances न लें।

तकनीकी सत्य: XRF कैसे गुमराह कर सकती है (थोड़ा वैज्ञानिक व्याख्यान)

XRF विद्युत-चुंबकीय उत्सर्जन से सतह पर मौजूद तत्वों का speckle निकालती है।

यदि सतह पर ऊँची-quality plating है तो XRF उसी coating के तत्व बता देगी — गहरे alloy की जानकारी मिस हो सकती है।

इसलिए XRF reading की validity sample के geometry, coating-thickness और operator के sampling protocol पर निर्भर करती है।

(यह जानकारी ग्राहक को डराने के लिए नहीं है — पर निर्णय लेने में तकनीकी समझ जरूरी है।)

क्या करना चाहिए अगर आपको शक हो या ठगा गया महसूस हो?

1. दुकान में वापस जाइए और लिखित रिपोर्ट/बिल मांगे।

2. प्रूफ-कॉपियाँ लें — बिल की फोटो, receipt, तथा जितने भी test रिपोर्ट मिले उनकी printed copies।

3. अगर sample वापस नहीं दिया गया तो यही सबसे बड़ा संकेत — तुरन्त दुकान का नाम, address और staff का नाम नोट करें।

24–72 घंटे के भीतर

1. Consumer Forum में शिकायत दर्ज करें — स्थानीय consumer court में case कर सकते हैं।

2. Police FIR दर्ज कराइए यदि धोखाधड़ी हल्की नहीं है (बड़े monetary fraud के मामले में)।

3. BIS Hallmarking Complaint लगाइए — HUID mismatch या गलत hallmarking की शिकायत दर्ज की जा सकती है।

नोट: कागजी सबूत (bill, report copy, witness statement) जितना मजबूत होगा, आपका मामला उतना ही प्रभावी बनेगा।


किस-किस जगह पर टेस्ट कराएँ (Recommended labs / centers)

 (नोट: नीचे दिए गए सुझाव generic हैं — स्थानीय राज्य/शहर में सरकारी-अधिकृत hallmarking centres और reputed private labs चुनें।)

1. BIS Authorized Hallmarking Centre — hallmark verification और partial testing के लिए प्राथमिक विकल्प।

2. Govt. Chemical Labs / NABL accredited labs — जब Fire Assay की जरूरत हो।

3. Reputed private assay labs — जिनके पास ISO / NABL accreditation हो; printout/report official letterhead पर हो।

हमेशा Lab accreditation (NABL/ISO) और lab की contact details verify करें।

प्रैक्टिकल स्क्रिप्ट : ज्वेलर से क्या बोलें (आप तुरंत उपयोग कर सकते हैं)

यह छोटे वाक्यों का सेट रखें — दुकान पर सीधे और ठोस होकर बोलें:

“पहले scale reset कर दीजिए — मैं वहीं देखूँगा।”

“मशीन टेस्ट के printout पर Lab name, date और operator signature चाहिए।”

“अगर आप mobile screen पर दिखाएंगे तो मैं टेस्ट स्वीकार नहीं करूँगा।”

“यह हॉलमार्क का HUID और jeweller registration मेरी कॉपी में लिख दें।”

“अगर रिपोर्ट mismatch आई तो मैं third-party lab का report माँग करूँगा।”

यह भाषा सादा और निर्णायक होनी चाहिए — जिससे कोई बहाना करना कठिन हो जाए।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके सरल जवाब)

Q1: क्या XRF बिलकुल बेकार है?

A: नहीं — XRF उपयोगी है, पर केवल एक हिस्सा दिखाती है। इसे दूसरी साधनों के साथ मिलाकर ही use करें।

Q2: क्या acid test से सोना खराब हो जाता है?

A: हल्की सतह पर खरोंच और रिएक्शन हो सकता है, पर अगर गहना antique या भावनात्मक महत्व का है तो पहले discuss कर लें। बिकवाली-testing में यह सामान्य है।

Q3: क्या hallmark missing होने पर सोना 100% नकली होगा?

A: नहीं — कई times old/handmade jewelry पर hallmark नहीं होता पर यह सत्यापन की कमी दर्शाता है; ऐसे cases में additional tests कराना आवश्यक है।

Q4: क्या ऑनलाइन ज्वेलर्स सुरक्षित हैं?

A: प्रतिष्ठित बड़े प्लेटफॉर्म पर भी fake products आ सकते हैं; reviews, certification और return policy जांचना अनिवार्य है।

 उपभोक्ता के लिये अंतिम संदेश (Actionable, Service-oriented)

1. मशीनें ज्ञान देती हैं — पर सत्य का अंतिम निर्णय process देती है। मशीन पर अंध विश्वास छोड़िए; documentation और transparency पर भरोसा कीजिए।

2. दो अलग तरीके—कम से कम दो independent tests—हमेशा कराइए। XRF + scratch/acid या density test। बड़ी खरीद में Fire Assay।

3. Bill और Printed Report को अपने पास सुरक्षित रखें। ये साबित करते समय आपकी सबसे बड़ी शक्ति हैं।

4. यदि धोखा हुआ है तो तुरंत consumer forum, police और BIS में शिकायत करें — और स्थानीय मीडिया/NGO के साथ संपर्क करिए यदि मामला बड़ा है।

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