पाकिस्तान जिंदाबाद-अखिलेश जी आपका यह कैसा समाजवाद

भाजपा सरकार के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने बीते गुरुवार को प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया था। आगरा में भी सपाइयों ने प्रदर्शन किया। इस जुलूस में सपा महानगर अध्यक्ष चौधरी वाजिद निसार भी साथ चल रहे थे। ख़बर है कि जब चौधरी वाजिद निसार सदर तहसील में धरना-प्रदर्शन खत्म कर सपा कार्यकर्ताओं के साथ जुलूस के रूप में लौट रहे थे। उस समय किसी ने जुलूस में "पाकिस्तान जिंदाबाद" के नारे लगा दिए। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है।हालांकि हम वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करते परन्तु वायरल वीडियो में "समाजवादी पार्टी जिंदाबाद" के नारों के साथ उनका जुलूस पुलिस लाइन मैदान के सामने से गुजरता दिख रहा है, तभी "पाकिस्तान जिंदाबाद" की आवाज गूंजती है। इसके बाद फिर से समाजवादी पार्टी जिंदाबाद के नारे लगने लगते हैं। वीडियो में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा जब गूंजता है, तब मेहरून शर्ट वाला एक युवक हाथ उठाता नजर आता है। महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार का कहना है कि इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो में जिस युवक पर देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है, उसकी पहचान करा ली गई है। वह सुल्तानगंज की पुलिया निवासी पंकज सिंह है। वह सपा का कार्यकर्ता नहीं है। 

सच क्या है यह तो जांच के बाद ही मालूम होगा परन्तु अभी हाल ही में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि "उन्हें उत्तरप्रदेश पुलिस पर विश्वास नहीं है"। अब लगता है कि उनके कार्यकर्ताओं को "हिंदुस्तान" पर विश्वास नहीं है, इसीलिए वह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं।

अखिलेश यादव अपने को यदुवंशी बताते हैं, अर्थात भगवान श्रीकृष्ण का वंशज, परन्तु लगता है कि अखिलेश जी ने श्रीमद् भगवद्गीता का भक्तिभाव से अध्ययन नहीं किया।

श्रीमद भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि- "श्रेष्ठजन जिस प्रकार का आचरण करते हैं, उनके अनुयायी वैसा आचरण दोहराते हैं।" ज़ाहिर है कि गलती समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की नहीं है बल्कि पार्टी के मुखिया श्री अखिलेश यादव की है। वह जिस प्रकार का आचरण दिखा रहे हैं उससे उनके अनुयायियों में "पाकिस्तान प्रेम" उमड़ने की संभावनाओं को बल मिलना स्वभाविक ही है। यूं भी समाजवाद से आतंकवाद की ओर बढ़ते कदमों का आख़िरी पड़ाव "पाकिस्तान" ही तो है। अखिलेश जी के पिताश्री माननीय मुलायम सिंह तो केवल "हिंदुस्तानी मुल्लाजी" बनकर ही रह गए थे लेकिन लगता है कि कल के "विकास पुरुष" श्री अखिलेश यादव आजकल अपने पिताजी से भी 100 कदम आगे निकल रहे हैं और वह "पाकिस्तान" प्रेम में आकंठ तक डूब चुके हैं। इसीलिए उनके "भक्तगण" पाकिस्तान की जय-जयकार कर रहे हैं।

ज़रा गौर करने वाली बात यह है कि जैसे-जैसे उत्तरप्रदेश में विधानसभा 2022 के चुनावों की तिथि करीब आ रही है अखिलेश एंड पार्टी का नया नारा कुछ इस तरह हो रहा है-  "आतंकियों का साथ-पुलिस पर NO विश्वास-यही हमारा समाजवाद"

अभी भी समय है श्री अखिलेश यादव को चाहिए कि जिन्नावादी विचारधारा को पूर्णतः त्यागकर सच्चाई और निष्पक्षता के साथ समाजवादी विचारधारा की ओर बढ़ें। साथ में श्रीमद भगवद्गीता का अध्ययन भी किया करें। इसी में उनकी पार्टी और देश सबका भला है।

🖋️ *मनोज चतुर्वेदी "शास्त्री"*
समाचार सम्पादक- उगता भारत हिंदी समाचार-
(नोएडा से प्रकाशित एक राष्ट्रवादी समाचार-पत्र)

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