मात्र 15 दिनों में आप लिबरल गैंग की सदस्यता लीजिए, ऑफर सीमित समय तक

आप जानते हैं कि आप जो कुछ देख अथवा सुन रहे हैं उसका आप और आपके बच्चों के मन-मस्तिष्क पर कितना गहरा प्रभाव पड़ रहा है। तो आइए जानते हैं। 
आप कुछ दिन केवल रवीश कुमार, पुण्य प्रसून वाजपेयी जैसे पत्रकारों और एनडीटीवी जैसे चैनलों को सुनते रहिए और केवल उन्हीं की खबरों पर ध्यान रखिये। आप राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और ओवैसी सहित तमाम वामपंथी और कांग्रेसी विचारधारा के लोगों का लेख पढिये और उनके भाषण सुनिए। जेएनयू और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं के विचारों और "लिबरल गैंग" के विचारों का गहनता से अध्ययन करिए । जम्मू-कश्मीर समस्या को सैफुद्दीन सोज जैसे नेताओं के चश्मे से देखिये। जावेद अख़्तर, अनुराग कश्यप, फरहान अख़्तर, स्वरा भास्कर, मुनव्वर राना और मरहूम राहत इंदौरी की लिखी शायरी और उनकी फिल्मों को देखते रहिए। आप लगातार टिकैत जैसे  किसान नेताओं और चंद्रशेखर रावण जैसे दलित नेताओं के आंदोलनों पर निगाह जमाये रखिए और शाहीन बाग़ में बैठे लोगों के वीडियो को ध्यान से देखिये और उनके नारों पर ध्यान देते रहिए। सुधा भारद्वाज और स्वर्गीय फादर स्टेन स्वामी जैसे अर्बन नक्सलियों की जीवन गाथा और उनके साहित्य को पढ़ते रहिए। दिग्विजय सिंह और आचार्य प्रमोद कृष्णम जैसे महान पोंगापंथियो के प्रवचन सुनिए।
 
यकीन जानिए कि मात्र 15 दिनों में आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठन आपको आतंकी संगठन नज़र आने लगेंगे। भगवा रंग से आपको नफ़रत हो जाएगी। "हिंदुत्व" आतंक का पर्याय और "राष्ट्रभक्त" आतंकी नज़र आने लगेगा। आपको लगने लगेगा कि इस देश में असहिष्णुता बढ़ती ही जा रही है और "गंगा-जमुनी तहज़ीब" आपको ख़तरे में दिखाई देने लगेगी। हर पत्थरबाज आपको भटका हुआ नौजवान और प्रत्येक AK-47 वाला आपको क्रांतिकारी नज़र आने लगेगा। रोहिंग्या घुसपैठिये आपको पीड़ित और लाचार नज़र आने लगेंगे जबकि पाकिस्तानी अल्पसंख्यक आपको दुश्मन देशों के जासूस नज़र आएंगे। 

नरेंद्र मोदी आपको कादर खान और योगी आदित्यनाथ आपको शक्ति कपूर नज़र आने लगेंगे। राहुल गांधी में आपको अमोल पालेकर और अखिलेश यादव में आपको दबंग फ़िल्म के सलमान खान दिखाई देंगे। सोनिया जी में आपको निरूपाराय नज़र आएंगी और ममता बनर्जी तो आपको साक्षात लेडी सिंघम दिखाई देने लगेंगी।

"लवजिहाद" में आपको लैला-मजनूं की मौहब्बत और "धर्मांतरण जिहाद" में आपको शांति और प्रेम का सन्देश सुनाई देने लगेगा। धीरे-धीरे आप महाराणा प्रताप को बागी और अकबर को महान समझना शुरू कर देंगे। मुगलों को आप "मसीहा" और राजपूतों को "लुटेरा" मानने लगेंगे। आपको मोहनदास करमचंद गांधी में "महात्मा" नज़र आने लगेगा और वीर दामोदर सावरकर आपको अंग्रेजों के पिट्ठू नज़र आएंगे।
आपको लगेगा कि भारत की आज़ादी में चरखे और चश्मे का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और उसी की बदौलत आज हम स्वतंत्र हो पाए हैं। इसके बाद आपको "लिबरल गैंग" की सदस्यता मिलना तय है। तो देर न करें जल्दी करिए, और लिबरल गैंग के सदस्य बनने की तैयारियों में जोरशोर से लग जाइये।

🖋️ *मनोज चतुर्वेदी "शास्त्री"*
समाचार सम्पादक- उगता भारत हिंदी समाचार-
(नोएडा से प्रकाशित एक राष्ट्रवादी समाचार-पत्र)

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*विशेष नोट- उपरोक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। उगता भारत समाचार पत्र के सम्पादक मंडल का उनसे सहमत होना न होना आवश्यक नहीं है। हमारा उद्देश्य जानबूझकर किसी की धार्मिक-जातिगत अथवा व्यक्तिगत आस्था एवं विश्वास को ठेस पहुंचाने नहीं है। यदि जाने-अनजाने ऐसा होता है तो उसके लिए हम करबद्ध होकर क्षमा प्रार्थी हैं।

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