जनतंत्र बनाम लट्ठतंत्र
बीते रविवार को कृषि सम्बन्धी विधेयकों को पारित कराने के दौरान कथिततौर पर
हंगामा करने के लिये विपक्ष के ८ सांसदों को राज्यसभा द्वारा एक हफ्ते के लिए
निलम्बित कर दिया गया. भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य भूपेंद्र यादव के
मीडिया को दिए गए एक बयान के अनुसार “मोदी सरकार विधेयक पर मतदान कराना चाहती है
लेकिन विपक्ष कि गुंडागर्दी ने इसे रोक दिया. उन्होंने बताया कि किस प्रकार
विपक्षी सांसद सदन के वेळ में पहुंच गए, कुर्सियों के ऊपर चढ़ गए, उनकी कुर्सी को
खींचा और माइक तोड़ दिया. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के नेताओं ने न केवल डिप्टी
स्पीकर से हाथापाई की बल्कि उसकी मेज पर चढ़ गए, उन्होंने नियम पुस्तिका फाड़ी, माइक
भी तोड़ दिया.”
मीडिया के ही हवाले से एक और घटना सामने आई- मामला बुलंदशहर भूढ़ चौराहे का था
जहाँ नशे में धुत एक सपा नेता को जब पुलिस ने मास्क न पहनने पर टोका तो उन्होंने
पुलिस को ही धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने सपा सरकार के आने पर शहर में आग लगाने
की धमकी भी दी थी, इस पूरी घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था और पुलिस ने नेता जी
के खिलाफ शांति भंग की धाराओं में चालान भी कर दिया था. इस वीडियो में सपानेता यह
साफ़ कहते नजर आ रहे थे कि जब उनकी सरकार आएगी तो वह पुलिसकर्मियों को भी देख
लेंगे.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लखनऊ में विधानसभा के बाहर समाजवादी
कार्यकर्ताओं ने कमीज उतारकर विरोध प्रदर्शन किया था. मीडिया से मिली जानकारी के
मुताबिक सपा के एक मुस्लिम विधायक के साथ कई कार्यकर्ताओं ने यूपी विधानसभा के
बाहर शर्ट उतारकर विरोध जताया था.





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