ताऊ का बढ़ सकता है कद, अफ़ज़ल कुरैशी भी आजमा सकते हैं अपना भाग्य


लखनऊ के राजनीतिक गलियारों से ख़बर मिल रही है कि यूनुस कुरैशी उर्फ ताऊ का समाजवादी पार्टी में कद बढ़ सकता है। उल्लेखनीय है कि 20 दिसम्बर को CAA के विरोध-प्रदर्शन में ताऊ ने काफी बढ़-चढक़र भाग लिया था। जिसके चलते उन् पर मुकदमा भी कायम हो गया था। ताऊ समाजवादी पार्टी के पूर्व नगराध्यक्ष भी रह चुके हैं, और लगातार पार्टी के साथ अपनी सेवाएं जनता को देते रहे हैं, अब सुनने में आया है कि पार्टी हाईकमान ताऊ को "बड़ा ईनाम" देने पर विचार कर सकते हैं।

उधर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और एक गैस एजेंसी के मालिक हाजी जनाब अफ़ज़ल कुरैशी भी अपना कारोबार अपने सुपुत्र को सौंपकर सक्रिय राजनीति की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। ख़बर मिली है कि आने वाले  चुनावों में अफ़ज़ल कुरैशी भी अपना भाग्य आजमा सकते हैं, हालांकि अभी तज उनकी ओर से इस विषय में कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन उनके ख़ास समर्थकों का मानना है कि इस बार अफ़ज़ल कुरैशी कोई मौक़ा  नहीं चुकने वाले। अब देखना यह है कि अफ़ज़ल साहब विधानसभा चुनाव में ताल ठोकेंगे या नगरपालिका चुनाव में अपना परचम लहरायेंगे।

एक और बड़ी खबर यह सुनने में आई है कि चांदपुर के एक नेताजी आने वाले राज्यसभा चुनावों में अपना भाग्य आजमाने का भरकस प्रयास कर रहे हैं। पैसे और मज़बूत राजनैतिक पकड़ के भरोसे यह नेताजी अपना भविष्यफल राजनीतिक ज्योतिषों से पूछते घूम रहे हैं। 

एक नए नेताजी जो कि अभी नेतागिरी का चार्ज संभालने की कोशिशें कर रहे हैं, उन्होंने भी 2022 के चुनावों में ताल ठोंकने की कसम खा ली है। सुना है कि यह नेताजी हाथी पर बैठकर चुनावी बिगुल बजाने की तैयारियों में लगे हैं। 

सत्ताधारी पार्टी के एक नेता जी भी आजकल काफ़ी परेशान दिख रहे हैं, दरअसल इनकी दिक़्क़त यह है कि इन्होंने सत्ताधारी पार्टी के एक बड़े नेताजी के कहने पर विशेष वस्त्र तो धारण कर लिए थे और इन्होंने पार्टी उत्थान के लिए ख़ूब पसीना बहाया, काफ़ी चरणवन्दनाएं भी कीं और एड़ी-चोटी के भी सारे ज़ोर लगा दिए लेकिन जब टिकट का नम्बर आया तो इनको बाबा जी का ठुल्लू दिखा दिया गया। यानी माया मिली, न राम। अब फिर से ये दुविधा में हैं क्योंकि इस बार भी टिकट की आशाएं लगाए हुए इनके समर्थक लखनऊ की ओर टकटकी बांधकर देख रहे हैं, लेकिन नेताजी को कहीं से भी ठोस आशवासन मिलता नज़र नहीं आ रहा है। वैसे भी नमो पार्टी जल्दी से किसी को आश्वासन नहीं देती है।

बहरहाल-
अभी तो इब्तदाये चुनाव है।
आगे-आगे देखिए होता है क्या।।

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