हिन्दुस्तानी संस्कृति के अभिन्न अंग पर प्रहार करना देश हित में नहीं है-सलीम नवाब
(यह लेख हमारे एक प्रशंसक श्री सलीम नवाब द्वारा हमें व्हाट्सप्प पर लिखकर भेजा गया है, यह उनके अपने व्यक्तिगत विचार हैं. इनसे हमारा सहमत होना, न होना आवश्यक नहीं है.)
केंद्र सरकार के विनाशकारी काले बिल लाने से साफ़ हो गया कि केंद्र की मोदी सरकार के हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की प्रकिर्या में उठाया गया एक ओर क़दम हैं लेकिन मैं मोदी सरकार से मालूम करना चाहता हूं कि क्या एक वर्ग विशेष को निशाना बनाकर आप गांधी जी के अहिंसा परमो धर्म के सिद्धांत को गलत साबित करने पर तुले है। क्या इन्सानियत आज इतने निचले स्तर पर पहुँच गयी है कि मोदी सरकार को इस देश की महिलाओं के साथ भी बर्बरता नज़र नही आ रही। में पूछना चाहता हूं कि मोदी सरकार अगर हिटलर शाही पर तुली हुई है तो उसको हिटलर के विनाशकारी अंजाम को भी याद रखना चाहिये कि उस टाइम भी जीत इंसानियत की हुई थी ना कि हिटलरशाही की। किसी भी देश मे अगर इंसानियत ही खत्म हो जाएंगी तो उस देश की आने वाली नस्लें समाज में तोड़ ही पैदा करेगी जोड़ नही। आज देश बेरोजगारी अर्थव्यवस्था के सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा है आप अपने इस बिल से हिन्दुस्तानियो के ध्यान तो कुछ टाइम के लिए हटा सकते हो लेकिन आप की मंशा कभी पूरी नहीं होगी, क्योंकि जिस देश की मेहनत कश वर्ग विशेष पर आप हमले कर रहे हैं मत भूलो की देश की पूरी जीडीपी इसी वर्ग विशेष के कंधो पर खड़ी है जब यही इंसान परेशान होकर सड़को पर उतरेगा तो उसका सीधा नुकसान देश की जीडीपी पर पड़ेंगा। मैं मोदी सरकार से पूछना चाहता हूँ की आप देश को विश्व पटल पर पहुचाने का कार्य करे ना कि अपने राजनीतिक समीकरण साधने के प्रयास करे
केंद्र सरकार के विनाशकारी काले बिल लाने से साफ़ हो गया कि केंद्र की मोदी सरकार के हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की प्रकिर्या में उठाया गया एक ओर क़दम हैं लेकिन मैं मोदी सरकार से मालूम करना चाहता हूं कि क्या एक वर्ग विशेष को निशाना बनाकर आप गांधी जी के अहिंसा परमो धर्म के सिद्धांत को गलत साबित करने पर तुले है। क्या इन्सानियत आज इतने निचले स्तर पर पहुँच गयी है कि मोदी सरकार को इस देश की महिलाओं के साथ भी बर्बरता नज़र नही आ रही। में पूछना चाहता हूं कि मोदी सरकार अगर हिटलर शाही पर तुली हुई है तो उसको हिटलर के विनाशकारी अंजाम को भी याद रखना चाहिये कि उस टाइम भी जीत इंसानियत की हुई थी ना कि हिटलरशाही की। किसी भी देश मे अगर इंसानियत ही खत्म हो जाएंगी तो उस देश की आने वाली नस्लें समाज में तोड़ ही पैदा करेगी जोड़ नही। आज देश बेरोजगारी अर्थव्यवस्था के सबसे बुरे दौर से गुज़र रहा है आप अपने इस बिल से हिन्दुस्तानियो के ध्यान तो कुछ टाइम के लिए हटा सकते हो लेकिन आप की मंशा कभी पूरी नहीं होगी, क्योंकि जिस देश की मेहनत कश वर्ग विशेष पर आप हमले कर रहे हैं मत भूलो की देश की पूरी जीडीपी इसी वर्ग विशेष के कंधो पर खड़ी है जब यही इंसान परेशान होकर सड़को पर उतरेगा तो उसका सीधा नुकसान देश की जीडीपी पर पड़ेंगा। मैं मोदी सरकार से पूछना चाहता हूँ की आप देश को विश्व पटल पर पहुचाने का कार्य करे ना कि अपने राजनीतिक समीकरण साधने के प्रयास करे
एक वर्ग विशेष की पहचान सदियों पुरानी हिन्दुस्तानी तहज़ीब से जुड़ी हुई है हिन्दुस्तान की मिट्टी में जितना खून इस वर्ग विशेष का हैं उतना तो शायद आपको याद रखना चाहिए कि जब भी किसी की नापाक नज़र हिन्दुस्तान पर पड़ी सबसे पहले उसकी तरफ उठने वाले हाथ इसी वर्ग विशेष के होते हैं जिन्हें आप काटना चाहते हैं। मेरी मोदी सरकार से अपील हैं कि हिन्दुस्तानी संस्कृति के अभिन्न अंग पर प्रहार करना देश हित मे नही है कृपया इस बिल को वापस लेकर इन्सानियत के साथ खड़ा होने की हिम्मत दिखाएं।






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