युवाओं को रोजगार के अवसरों का अभाव सामाजिक अशांति को जन्म दे सकता है



दुनिया की लगभग २५ प्रतिशत आबादी युवा है. इस तरह जनसंख्या का एक बड़ा भाग राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हालाँकि, यह महत्वपूर्ण है कि युवाओं के विचारों और राय की स्वतंत्रता का व्यायाम हो. उन्हें अपने विचारों को साझा करने और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए सही मंच मिलना चाहिए.
एक राष्ट्र की प्रगति की दिशा में योगदान देने वाले तीन प्रमुख तत्व हैं- शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण. एक राष्ट्र एक स्थिर गति से विकसित होता है, जब देश के युवा शिक्षित होते हैं और उनकी शिक्षा को सही उपयोग में रखा जाता है. हमारे देश में अधिकांश युवक अशिक्षित हमारे राष्ट्र की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है. राष्ट्र के बेरोजगार युवकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करना भी बहुत जरुरी है. रोजगार के अवसरों का अभाव सामाजिक अशांति को जन्म दे सकता है. यह जरूरी है कि युवकों की क्षमता के अनुसार रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएँ ताकि वे जीवन में किसी गलत रास्ते पर न जा सकें. सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण तक पहुँच की कमी के कारण हमारे समाज में बेरोजगारी और रोजगार की समस्या व्याप्त है. जिसे दूर करने के लिए ही मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का प्रारंभ किया था. किन्तु यक्ष प्रश्न यह है कि क्या यह योजना युवाओं में फैली बेरोजगारी को दूर करने में कोई योगदान दे पाई है अथवा यह भी अन्य सरकारी योजनाओं के तरह एक पानी का बुलबुला ही साबित हुई है. वैसे भी हमारे देश में अधिकांश सरकारी योजनायें केवल लालफीताशाही भेंट चढ़ जाती हैं या/और दलालों की जेबें भरने के ही काम आती हैं. मोदी सरकार को इस प्रश्न पर गम्भीरता से विचार करने की आवश्यकता है.
युवा राष्ट्र की प्रगति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अतः यदि युवाओं की शक्ति का बुद्धिमानी से और श्रेष्ठतम उपयोग किया जाये तो यह निश्चिय ही राष्ट्रीय विकास को जन्म दे सकता है. युवा हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं और जनसंख्या के सबसे गतिशील खंड का प्रतिनिधित्व करते हैं. युवा और उनके कार्य राष्ट्र के विकास में योगदान देते हैं. यदि हमारे देश के युवक गम्भीरता से देश के विकास के लिए काम करना शुरू कर दें तो वे राष्ट्र के महत्वपूर्ण तत्व बन सकते हैं और विकास में योगदान दे सकते हैं.


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