प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई



25 दिसम्बर 2014 को राष्ट्रपति कार्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत का सर्वोच्च पुरस्कार “भारत रत्न” दिया गया (घोषणा की गयी थी)। उन्हें सम्मान देते हुए भारत के राष्ट्रपति खुद 27 मार्च 2015 को उनके घर में उन्हें वह पुरस्कार देने गये थे। उनका जन्मदिन 25 दिसम्बर “गुड गवर्नेंस डे” के रूप में मनाया जाता है।वाजपेयी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 को ग्वालियर में हुआ। उनके पिता का नाम कृष्णा बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी था। उनके पिता कृष्णा बिहारी वाजपेयी अपने गाव के महान कवी और एक स्कूलमास्टर थे।अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ग्वालियर के बारा गोरखी के गोरखी ग्राम की गवर्नमेंट हायरसेकण्ड्री स्कूल से शिक्षा ग्रहण की थी। बाद में वे शिक्षा प्राप्त करने ग्वालियर विक्टोरिया कॉलेज (अभी लक्ष्मी बाई कॉलेज) गये और हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत में डिस्टिंक्शन से पास हुए। उन्होंने कानपूर के दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज से पोलिटिकल साइंस में अपना पोस्ट ग्रेजुएशन एम.ए में पूरा किया। इसके लिये उन्हें फर्स्ट क्लास डिग्री से भी सम्मानित किया गया था। ग्वालियर के आर्य कुमार सभा से उन्होंने राजनैतिक काम करना शुरू किये, वे उस समय आर्य समाज की युवा शक्ति माने जाते थे और 1944 में वे उसके जनरल सेक्रेटरी भी बने।1939 में एक स्वयंसेवक की तरह वे राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गये। और वहा बाबासाहेब आप्टे से प्रभावित होकर, उन्होंने 1940-44 के दर्मियान आरएसएस प्रशिक्षण कैंप में प्रशिक्षण लिया और 1947 में आरएसएस के फुल टाइम वर्कर बन गये।
विभाजन के बीज फैलने की वजह से उन्होंने लॉ की पढाई बीच में ही छोड़ दी। और प्रचारक के रूप में उन्हें उत्तर प्रदेश भेजा गया और जल्द ही वे दीनदयाल उपाध्याय के साथ राष्ट्रधर्म (हिंदी मासिक ), पंचजन्य (हिंदी साप्ताहिक) और दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन जैसे अखबारों के लिये काम करने लगे। वाजपेयी ने कभी शादी नही की, वे जीवन भर कुवारे ही रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के 10 वे पूर्व प्रधानमंत्री है। वे पहले 1996 में 13 दिन तक और फिर 1998 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री बने रहे। वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता है, भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेसरहित भारत की पांच साल तक सेवा करने वाले वे पहले प्रधानमंत्री थे।
इसके अलावा लोकसभा चुनावो में वाजपेयी जी ने नौ बार जीत हासिल की है। जब उन्होंने स्वास्थ समस्या के चलते राजनीती से सन्यास ले लिया था तब उन्होंने 2009 तक लखनऊ, उत्तर प्रदेश के संसद भवन की सदस्य बनकर भी सेवा की है।
वाजपेयी भारतीय जन संघ के संस्थापक सदस्य भी है, वाजपेयी जी में भारतीय जन संघ का संचालन भी किया है। मोरारजी देसाई के कैबिनेट में वे एक्सटर्नल अफेयर (बाहरी घटना / विवाद) मंत्री भी रह चुके है।
जिस समय जनता सरकार पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी थी उस समय वाजपेयी जी ने जन संघ को भारतीय जनता पार्टी के नाम से 1980 में पुनर्स्थापित किया। और पूरा जीवन उसी के लिये समर्पीत किया।

अटल बिहारी वाजपेयी का निजी जीवन – Atal Bihari Vajpayee Personal Life

वाजपेयी ने एक लड़की नमिता को दत्तक ले रखा है। नमिता को भारतीय डांस और म्यूजिक में काफी रूचि है। नमिता को प्रकृति से भी काफी लगाव है और वे हमेशा हिमाचल प्रदेश के मनाली में छुट्टिया मनाने जाती ही है।
वाजपेयी उनकी कविताओ के बारे में कहते है की,
“मेरी कविताये मतलब युद्ध की घोषणा करने जैसी है, जिसमे हारने का कोई डर न हो। मेरी कविताओ में सैनिक को हार का डर नही बल्कि जीत की चाह होगी। मेरी कविताओ में डर की आवाज नही बल्कि जीत की गूंज होगी।”

अटल बिहारी वाजपेयी के अवार्ड – Atal Bihari Vajpayee Awards

  • 1992 : पद्म विभूषण
  • 1993 : डी.लिट (डॉक्टरेट इन लिटरेचर), कानपूर यूनिवर्सिटी
  • 1994 : लोकमान्य तिलक पुरस्कार
  • 1994 : बेस्ट संसद व्यक्ति का पुरस्कार
  • 1994 : भारत रत्न पंडित गोविन्द वल्लभ पन्त अवार्ड
  • 2015 : भारत रत्न
  • 2015 : लिबरेशन वॉर अवार्ड (बांग्लादेश मुक्तिजुद्धो संमनोना)

    Sabhar-http://www.gyanipandit.com/atal-bihari-vajpayee-biography-in-hindi/

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